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बच्चों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार

  • Writer: Rakesh Kumar Pandey
    Rakesh Kumar Pandey
  • Aug 4, 2020
  • 1 min read

बच्चों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार


बच्चों की छाती फूलना



बच्चों की छाती फूल जाने पर उपचार :-


नवजात शिशु की छाती फूलकर कठोर हो जाने पर बेल औषधि की 3 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। छाती में पीब बनने पर हिपर औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देने के बाद साइलिसिया औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देने से लाभ होता है। बच्चे के स्तन फूल जाने पर उसे दबाने की कोशिश न करें क्योंकि ऐसा करने पर उसमें जलन पैदा होकर पीब भर सकता है।


जन्म के बाद बच्चे के छाती से दूध की तरह पतले पदार्थ निकलता है। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए और न ही उसे दबाकर ठीक करने की कोशिश करना चाहिए। ऐसा करने से उसमें पीब भरा फोड़ा बन जाता है और वह स्थान लाल हो जाता है। इस तरह की स्थिति बनने पर बच्चे को आर्निका औषधि की 3 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। यदि बच्चे की छाती अधिक लाल हो गई हो तो बेलेडोना औषधि की 3 शक्ति का सेवन कराएं और पीब भर जाने पर हिपर-सल्फर औषधि की 6 शक्ति की मात्रा दें।


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