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बच्चों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार

  • Writer: Rakesh Kumar Pandey
    Rakesh Kumar Pandey
  • Jul 30, 2020
  • 2 min read

बच्चों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार


बच्चों के शरीर पर घाव होना



परिचय- यदि बच्चे दूषित वातावरण में रहते हैं तो विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीटाणु उनकी त्वचा में प्रवेश कर जाते है जिससे विभिन्न प्रकार के फोडे-फुंसियां उत्पन्न होकर घाव का रूप ले लेते हैं।


बच्चों के शरीर पर घाव होने पर विभिन्न औषधि का उपयोग :-


कैल्के-कार्ब:- त्वचा में गन्दगी होने या त्वचा की खराबी के कारण बच्चे के बगल में और कानों के पीछे की ग्रंथि आदि में घाव हो जाता है। त्वचा पर खुजली हो या पीब भरी फुंसियां होने पर बच्चे को सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। यदि त्वचा खराब होने के कारण त्वचा पर घाव हो तो बच्चे को कैल्के-कार्ब औषधि की 6 शक्ति की मात्रा दें। मोटे व थुलथुले बच्चे की त्वचा में घाव होने यह औषधि अधिक प्रभावकारी होती है।

लाइको:- यदि त्वचा पर घाव हो गया हो और उस घाव से हमेशा खून निकलता हो तो ऐसे में बच्चे को लाइको औषधि की 12 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।

ग्रैफाइटिस:- घाव से लसदार गोंद की तरह पीब निकलने पर विशेषकर कान के पिछले भाग के घाव से। ऐसे में ग्रैफाइटिस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन कराने से लाभ होता है।

कार्बो-वेज:- त्वचा पर उत्पन्न ऐसे जख्म जिसमें जलन होती रहती है। ऐसे जख्म में कार्बो-वेज औषधि की 30 शक्ति देनी चाहिए।

कैमोमिला:- त्वचा पर लाल फुंसियां होने पर कैमोमिला औषधि की 12 शक्ति की मात्रा का सेवन करना लाभदायक होता है। गर्म पानी में नीम की पत्तियां या कैलेण्डुला की 2 बूंद डालकर उससे रोज सुबह-शाम जख्म को धोने के बाद मैदा छिड़क देने से घाव का रस शरीर के दूसरी जगहों पर नहीं लगता और घाव ठीक हो जाता है।


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