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#छाती और #फेफड़ों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार

  • Writer: Rakesh Kumar Pandey
    Rakesh Kumar Pandey
  • Aug 1, 2020
  • 2 min read

#छाती और #फेफड़ों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार


#थूक में #खून का आना



परिचय-


वैसे तो किसी व्यक्ति के थूक में खून आता है तो उसको टी.बी. रोग से ही जोड़ा जाता है और यह टी.बी. रोग का मुख्य लक्षण भी होता है लेकिन कभी-कभी साधारण कारणों से भी रोगी के थूक में खून आ जाता है जैसे नाक तथा सांस की नली में सूजन आ जाने से, जुकाम की सही समय पर चिकित्सा न होने के कारण उसका बिगड़ जाना या मासिकधर्म के समय आने वाले या बवासीर में आने वाले खून को जबरदस्ती रोकने के कारण भी खून की गति छाती की तरफ हो जाती है और रोगी के थूक के साथ खून आ जाता है।


कारण-


सांस में किसी तरह का रोग, न्युमोनिया, जीवाणुओं के फैलने के कारण, टी.बी रोग, फेफड़ों में फोड़े, खून का कैंसर, दिल के रोग, खांसी, मुंह, गले और आवाज की नली से खून आना आदि के कारण रोगी के थूक में खून आ जाता है।


लक्षण-


बलगम के साथ या बाद में खून आना जो पुरानी खांसी के कारण होता है। बुखार, कमजोरी, भूख कम लगना, दम सा घुटना आदि थूक में खून आने के रोग के लक्षण होते हैं।


थूक में खून आने के रोग में विभिन्न औषधियों का प्रयोग-


1. ऐकोनाइट- अगर रोगी की सांस की नली की श्लैष्मिक झिल्ली में सूजन आने के कारण उसके थूक में खून आ रहा हो तो ऐकोनाइट औषधि की 30 शक्ति कुछ समय तक रोगी को देने से लाभ होता है। बवासीर रोग में चिकित्सा के दौरान खून दब जाने पर खून मुंह या नाक से आ जाता है तो भी ऐकोनाइट औषधि की 30 शक्ति उपयोगी साबित होती है।


2. नक्स-वोमिका या सल्फर- अगर बवासीर का खून दब जाने के कारण रोगी के मुंह या नाक से खून आने लगे तो नक्स-वोमिका या सल्फर औषधि की 30 शक्ति रोगी को देने से लाभ होता है।


3. पल्सेटिला- स्त्री को मासिकधर्म में गड़बड़ी के कारण स्राव रुक जाए और खून स्त्री के नाक या मुंह से आने लगे तो रोगी को पल्सेटिला औषधि की या चायना औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराना बहुत ही लाभकारी होता है।



सावधानी-


अगर किसी व्यक्ति को बलगम या थूक में खून आता है तो उसे तुरन्त ही लापरवाही न करके चिकित्सक के पास जाना चाहिए।

मुंह को हमेशा साफ रखना चाहिए।

दांतों को ब्रश करते समय ज्यादा जोर नहीं लगाना चाहिए।

रोगी को हमेशा पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए ताकि उसके शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाए।

दिन में 2 बार फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

मांस का सेवन कम से कम ही करना चाहिए।

लाल मांस के बजाय मछली का सेवन करना चाहिए।

पूरे दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।

धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।


#anika #homeopathic #clinic Anika homeopathic clinic Gandhinagar Colony, Laxirampur, #Azamgarh, Uttar Pradesh 276001, India +91 94507 31937 https://goo.gl/maps/bxrEAvyqqW623k4C8







 
 
 

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