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आंखों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार

  • Writer: Rakesh Kumar Pandey
    Rakesh Kumar Pandey
  • Aug 9, 2020
  • 2 min read

आंखों के रोगों के लिए होम्योपैथिक उपचार


रतौंधी


परिचय :


बहुत से रोगियों को हल्की रोशनी में (सूर्यास्त से सूर्योदय तक) बिल्कुल ही नहीं दिखाई देता है, जिसे रतौंधी रोग कहते हैं।


रतौंधी रोग को ठीक करने के लिए विभिन्न औषधियों के द्वारा उपचार:-


1. फाइसोस्टिग्मा:- रतौंधी रोग होने के साथ ही यदि हल्की रोशनी में भी दिखाई न दे रहा हो तो इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए फाइसोस्टिग्मा औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।


2. नक्स वोमिका:- जिगर की गड़बड़ी के कारण रतौंधी रोग हुआ हो तो इस रोग को ठीक करने के लिए नक्स वोमिका औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।


3. चायना:- जिगर की गड़बड़ी के कारण रतौंधी रोग हुआ हो तो इस रोग का उपचार करने के लिए चायना औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।


4. लाइको:- जिगर की गड़बड़ी के कारण रतौंधी रोग हुआ हो तो इस रोग को ठीक करने के लिए लाइको औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ हो सकता है।


5. फास्फोरिक एसिड:-


हस्तमैथुन के कारण रतौंधी रोग हो गया हो तो फास्फोरिक एसिड औषधि की 3 या 200 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभदायक है।


6. हेलिबोरस-नाइग्रा:- रतौंधी रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 3 या 200 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।


7. चायना:-इस औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करने से रतौंधी रोग ठीक हो जाता है।


8. लाइकोपोडियम:- इस औषधि की 30 शक्ति की मात्रा के उपयोग से रतौंधी रोग ठीक हो जाता है।


9. हाइपोस:- रतौंधी रोग का उपचार करने के लिए इस औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग लाभकारी है।


10. रैनेन:- इस औषधि की 30 शक्ति के द्वारा भी रतौंधी रोग को ठीक किया जा सकता है।


11. नाइट्रिक-एसिड:- रतौंधी रोग का उपचार करने के लिए नाइट्रिक-एसिड औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का उपयोग करना लाभकारी होता है।


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